शब्द का अर्थ
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उर् (स्) :
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पुं० [सं०√ऋ (गति)+असुन्] १. छाती। वक्षःस्थल। २. मन। हृदय। मुहावरा—उर आनना, धरना या लाना (क) हृदय में बसना या रखना। बहुत प्रिय समझना। (ख) किसी बात के विषय में मन में निश्चय करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर् (स्) :
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पुं० [सं०√ऋ (गति)+असुन्] १. छाती। वक्षःस्थल। २. मन। हृदय। मुहावरा—उर आनना, धरना या लाना (क) हृदय में बसना या रखना। बहुत प्रिय समझना। (ख) किसी बात के विषय में मन में निश्चय करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |